चंद्रमा से जुड़े ज्योतिषीय सूत्र


🌙 चंद्रमा से जुड़े ज्योतिषीय सूत्र — शास्त्रीय दृष्टिकोण

✨ चंद्रमा का मूल तत्त्व और कारकत्व
ज्योतिष शास्त्र में चंद्रमा को मन का स्वामी (मनःकारक) कहा गया है। इसके प्रमुख कारक हैं—
मन, भावना और संवेदनशीलता
माता, मातृसुख
परिवार, गृहस्थ जीवन
जनसंपर्क, लोकप्रियता
तरल धन, आय-व्यय का प्रवाह
मानसिक शांति और संतुलन
कुंडली में चंद्रमा की स्थिति यह निर्धारित करती है कि जातक का मन स्थिर है या चंचल, सुख सहज है या संघर्षपूर्ण।

🔹 चंद्रमा के बाद आने वाला ग्रह — निर्णायक सूत्र

एक अत्यंत सूक्ष्म लेकिन प्रभावशाली नियम यह है कि—
चंद्रमा के बाद कौन-सा ग्रह स्थित है, यह चंद्र फल को पुष्ट या क्षीण करता है।
इसे चंद्रानुचर ग्रह सिद्धांत कहा जा सकता है।

🔥 चंद्र + मंगल / गुरु — अत्यंत शुभ योग
🔸 चंद्र मंगल योग (लक्ष्मी योग)
चंद्र (जल) + मंगल (भूमि)
जल भूमि में टिकता है → धन संचय
परिणाम:
आर्थिक स्थिरता
अचल संपत्ति
परिश्रम से धन
युवावस्था में उन्नति

👉 ऐसा जातक धन कमाने के साथ धन रोकने की क्षमता भी रखता है।

🔸 चंद्र गुरु योग (गजकेसरी योग)
गुरु विस्तार, ज्ञान और धर्म का कारक
परिणाम:
धन-धान्य वृद्धि
पारिवारिक सुख
समाज में प्रतिष्ठा
विवाह/संतान के बाद उन्नति

👉 यह योग चंद्र को सात्त्विक बनाता है।
⚠️ चंद्रमा के बाद सूर्य, शनि या केतु — अशुभ संकेत
🔸 चंद्र + सूर्य
सूर्य की उष्णता चंद्र के जल तत्व को सुखाती है
परिणाम:
मानसिक बेचैनी
भावनात्मक असंतुलन
माता से मतभेद
आर्थिक अस्थिरता
🔸 चंद्र + शनि / केतु
शनि-केतु जल प्रवाह में अवरोध
परिणाम:
धन अटकना
मेहनत अधिक, फल कम
मानसिक अवसाद
पारिवारिक तनाव

👉 विशेषकर चंद्र-शनि योग मानसिक पीड़ा देता है।

🔹 पंचम भाव का चंद्रमा — प्रेम, संतान और प्रतिभा
यदि पंचम भाव में चंद्रमा हो और उस पर शुभ दृष्टि पड़े—
प्रेम विवाह का योग
गुणवान जीवनसाथी
संतान से सुख
शेयर बाजार, रचनात्मक क्षेत्र से लाभ
गुरु की दृष्टि पंचम चंद्र को अत्यंत शुभ बनाती है।

🔹 अष्टलक्ष्मी योग — समग्र समृद्धि
यदि बुध, गुरु या शुक्र में से कोई दो ग्रह—
चंद्रमा से केंद्र या त्रिकोण में हों
तो अष्टलक्ष्मी योग बनता है।
परिणाम:
धन, सुख, वैभव
गृहस्थ जीवन में संतुलन
भौतिक सुविधाओं की प्राप्ति

♨️ लाल किताब अनुसार — चंद्र शनि योग
लाल किताब में इसे नीच केतु तुल्य फलदायक माना गया है।
संभावित फल:
मन की चंचलता
चरित्र में विचलन
धर्म से दूरी
अचानक नौकरी/व्यवसाय में रुकावट

👉 ऐसे जातकों के लिए शांति उपाय आवश्यक माने गए हैं।

📌 निष्कर्ष (ज्योतिषीय सिद्धांत)
चंद्रमा जितना बलवान और शुभ होगा, जीवन उतना ही सहज, संतुलित और समृद्ध होगा।
चंद्रमा से बनने वाले योग—
मन की दिशा तय करते हैं
धन के प्रवाह को नियंत्रित करते हैं
पारिवारिक सुख-शांति का आधार बनते हैं
इसलिए कुंडली विश्लेषण में चंद्रमा की स्थिति, उसके बाद आने वाले ग्रह और उस पर दृष्टि—तीनों का गहन अध्ययन अनिवार्य है।

🕉️
— श्री वैदिक ज्योतिष

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