विवाह भाव का विश्लेषण


शुक्र के विभिन्न ग्रहों से युति होने पर पत्नी का स्वभाव एवं वैवाहिक भाग्यफल

ज्योतिष में शुक्र विवाह, दांपत्य सुख, सौंदर्य, भोग-विलास और जीवनसाथी का प्रमुख कारक ग्रह है। जब शुक्र किसी अन्य ग्रह से युति करता है, तो पत्नी का स्वभाव, स्वास्थ्य, पारिवारिक वातावरण और वैवाहिक जीवन की दिशा उसी अनुसार प्रभावित होती है।
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🔱 द्विग्रही योग (शुक्र + एक ग्रह)

🌞 शुक्र + सूर्य

पत्नी आत्मसम्मानी, सम्मानित, सुशील एवं प्रतिष्ठित कुल से होती है। धन-संचय में कुशल, क्षमाशील और सामाजिक कार्यों में रुचि रखने वाली। पित्त संबंधी समस्याएँ संभव।

🌙 शुक्र + चन्द्रमा

पत्नी दूर स्थान की, कलाप्रिय और यात्राओं की शौकीन होती है। स्वभाव चंचल, दूसरों की बातों में शीघ्र आने वाली। मानसिक अस्थिरता व सर्दी-जुकाम की शिकायत रह सकती है। ससुराल पक्ष से मतभेद संभव।

🔥 शुक्र + मंगल

स्वभाव तीव्र, साहसी लेकिन तकरारप्रिय। क्रोध, अहं और वाद-विवाद की प्रवृत्ति। कभी-कभी हृदय संबंधी कष्ट।

🧠 शुक्र + बुध

पत्नी बुद्धिमान, वाचाल, मिलनसार और व्यावहारिक होती है। कठिन परिस्थितियों से उबरने की क्षमता। पति व्यापार या वाणिज्य में प्रगति करता है। बाद में त्वचा रोग संभव।

📿 शुक्र + बृहस्पति

धार्मिक, संस्कारी, विनम्र और मार्गदर्शक स्वभाव। दोनों कुलों को मान देने वाली। मोटापे की संभावना।

⏳ शुक्र + शनि

पत्नी कर्मशील, अनुशासित लेकिन स्वभाव में धीमी। नौकरी या परिश्रम से जीवन संवारने वाली।

☬ शुक्र + राहु

अत्यंत आकर्षक और रहस्यमयी। कभी असत्य या आलस्य की प्रवृत्ति। धन संचय में निपुण। पति को वाहन सुख। गैस व गर्मी की समस्या।

☸ शुक्र + केतु

आध्यात्मिक, दानशील और दैव चिंतन में रुचि रखने वाली। सांसारिक मोह कम।
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🔱 त्रिग्रही योग (शुक्र + दो ग्रह)

यह योग दांपत्य जीवन को अधिक गहराई से प्रभावित करता है —

शुक्र + सूर्य + चन्द्र : सम्मानित, यात्राप्रिय पत्नी

शुक्र + सूर्य + मंगल : अत्यंत भाग्यशाली, पर जिद्दी और स्वाभिमानी

शुक्र + सूर्य + बुध : बुद्धिमान, व्यावहारिक, कुल की प्रतिष्ठा बढ़ाने वाली

शुक्र + सूर्य + बृहस्पति : न्यायप्रिय, प्रभावशाली, संतान भाग्य उत्तम

शुक्र + सूर्य + शनि : उच्च कुल, पर प्रारंभिक संघर्ष

शुक्र + सूर्य + राहु : विवाह पश्चात पति को सुख, संतान योग कमजोर

शुक्र + सूर्य + केतु : पैतृक संपत्ति विवाद, मध्यम भाग्य
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🌙 चन्द्र प्रधान त्रिग्रही योग

कलात्मकता, भावुकता और मानसिक स्थिति को दर्शाते हैं —

शुक्र + चन्द्र + बुध : अत्यंत बुद्धिमान, कलाकार, सामाजिक

शुक्र + चन्द्र + बृहस्पति : भोली, धार्मिक, पति का भाग्य बढ़ाने वाली

शुक्र + चन्द्र + राहु : मानसिक अस्थिरता, भय व अवसाद की प्रवृत्ति

शुक्र + चन्द्र + केतु : आध्यात्मिक, पवित्र, पर आत्मविश्वास की कमी
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🧠 बुध प्रधान योग

बुद्धि, वाणी और व्यवहार को दर्शाते हैं —

शुक्र + बुध + सूर्य : भूमि-संपत्ति योग

शुक्र + बुध + राहु : चिंता, पर विलासिता और भाग्यवृद्धि

शुक्र + बुध + केतु : तांत्रिक/आध्यात्मिक झुकाव
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📿 बृहस्पति प्रधान योग

धर्म, सम्मान और समृद्धि का संकेत —

शुक्र + बृहस्पति + शनि : महान भाग्य, गुरु तुल्य पत्नी

शुक्र + बृहस्पति + राहु : घर में प्रभावशाली, अत्यंत शुभ

शुक्र + बृहस्पति + केतु : धार्मिक, दानशील, शुभ फलदायक
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⚠️ अत्यंत कष्टकारी योग

शुक्र + केतु + राहु
वैवाहिक सुख न्यून, मानसिक तनाव, स्वास्थ्य हानि और पारिवारिक अशांति के प्रबल संकेत।
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🔔 विशेष सूचना

यह सभी फल कुंडली की दशा, दृष्टि, राशि और भाव के अनुसार परिवर्तित हो सकते हैं। अतः सम्पूर्ण जन्मकुंडली का अध्ययन आवश्यक है।
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