कुंडली का अष्टम भाव


🔱 अष्टम भाव से संबंधित महत्वपूर्ण फल सूत्र

(आयु, अचानक घटनाएँ, गुप्त शक्ति और परिवर्तन का भाव)

अष्टम भाव को ज्योतिष में आयु भाव कहा गया है। यह भाव न केवल जीवन की दीर्घता बताता है, बल्कि अचानक घटने वाली घटनाएँ, दुर्घटनाएँ, रोग, रहस्य, ससुराल पक्ष तथा अप्रत्याशित लाभ-हानि का भी संकेत देता है।

🌿 आयु से संबंधित प्रमुख सूत्र

🔹 यदि अष्टमेश केंद्र भाव (1, 4, 7, 10) में स्थित हो, तो जातक की आयु दीर्घ होती है।

🔹 यदि लग्नेश और अष्टमेश दोनों अष्टम भाव में हों और उन पर अशुभ ग्रहों का प्रभाव हो, तो आयु में कमी के संकेत मिलते हैं।

🔹 यदि दशमेश या शनि अष्टम भाव में हो, अथवा वे अशुभ प्रभाव में हों, तब भी कई बार आयु लंबी मानी जाती है (विशेषतः शनि के कारण संघर्षपूर्ण दीर्घ जीवन)।

🔹 यदि

छठे भाव का स्वामी 12वें भाव में,

अष्टम भाव का स्वामी अष्टम भाव में,

और 12वें भाव का स्वामी 12वें भाव में ही हो,
तो यह स्थिति दीर्घायु योग बनाती है।

🔹 यदि छठे और बारहवें भाव के स्वामी लग्न में हों, और
लग्न, पंचम व अष्टम भाव के स्वामी अपनी राशि या उच्च के हों,
तो जातक को लंबा और स्थिर जीवन प्राप्त होता है।

🔹 यदि लग्न, अष्टम और दशम भाव के स्वामी केंद्र, त्रिकोण या लाभ भाव में हों, तो भी आयु वृद्धि का योग बनता है।

🔹 यदि लग्नेश कमजोर हो, अशुभ ग्रहों से पीड़ित हो और अष्टमेश केंद्र में स्थित हो, तो यह अल्पायु या स्वास्थ्य संकट का संकेत देता है।
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🚗 दुर्घटना एवं रोग संकेत

⚠️ यदि अष्टम भाव में मंगल-शनि या मंगल-राहु की युति हो, तो
➡️ वाहन दुर्घटना, अचानक चोट या ऑपरेशन का प्रबल योग बनता है।

⚠️ यदि अष्टम भाव में चंद्रमा किसी अशुभ ग्रह से पीड़ित हो, तो
➡️ रक्त विकार, हृदय रोग, मूत्र या गुप्त अंगों से संबंधित रोग हो सकते हैं।
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💰 ससुराल व धन से जुड़े संकेत

💠 यदि अष्टम भाव पर शुभ ग्रहों की दृष्टि हो, तो
➡️ जातक को ससुराल पक्ष से लाभ, तथा विवाह के बाद आर्थिक उन्नति होती है।

❌ यदि अष्टम भाव पर अशुभ ग्रहों की दृष्टि हो, तो
➡️ ससुराल से तनाव, विवाद, और
➡️ अनचाहा स्थान परिवर्तन या मानसिक अस्थिरता संभव होती है।
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📉 अष्टमेश की दृष्टि का प्रभाव

🔻 अष्टमेश जिस भाव को देखता है, उस भाव के पूर्ण फल में बाधा आती है।
उदाहरण के लिए—
यदि अष्टमेश लाभ भाव (11वें भाव) को देखे, तो
➡️ जातक को मेहनत के अनुसार लाभ नहीं मिलता,
➡️ धन प्राप्ति में अचानक रुकावटें आती हैं।
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💸 अचानक धन लाभ योग

✨ यदि अष्टम भाव का संबंध
तृतीय, पंचम, दशम या एकादश भाव से बनता है,
तो जातक को अचानक धन लाभ, विरासत, बीमा, शेयर या गुप्त स्रोतों से लाभ मिल सकता है।
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